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Showing posts from May, 2020

List of the Books and Authors in Ancient India (प्राचीन ऐतिहासिक पुस्तके एवं उनके लेखकों की सूची)

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        List of the Books and Authors in Ancient India (प्राचीन ऐतिहासिक पुस्तके एवं उनके लेखकों की सूची)                List of the books   पुस्तक का नाम                                       लेखक का नाम  पंचतंत्र                                          पंडित विष्णु शर्मा हितोपदेश।                                    नारायण भट्ट व्रहतकथा।                                      गुणाढ्य  वृहत कथा मंजरी।                           क्...

Gupt administration (गुप्त साम्राज्य भाग 2) तथ्य पूर्ण सार

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      Gupt administration (तथ्य पूर्ण सार)         कुषाण साम्राज्य के अवशेषों पर गुप्त साम्राज्य का उदय हुआ। शायद यह लोग कुषाणो के सामंत थे। श्री गुप्त का उल्लेख प्रभावती गुप्त के पुणे स्थित ताम्रपत्र अभिलेख में गुप्त वंश के आदिराज के रूप में हुआ है ‌। घटोत्कच इसने महाराज की उपाधि धारण की। इसे गुप्त वंश का प्रथम राजा बताया गया है। चंद्रगुप्त प्रथम ने लिच्छवी कुल की कन्याकुमार देवी से विवाह किया इसने गुप्त संवत चलाया था। समुद्रगुप्त के दरबार में प्रसिद्ध कवि हरिषेण रहता था। जिसने इलाहाबाद के प्रशस्ति समुद्रगुप्त की विजयो वर्णन किया है। समुद्रगुप्त के सिक्कों पर अश्वघोष पराक्रम खुदा है उस पर उसे वीणा वादन करते हुए दिखाया गया है। स्मिथ ने समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन कहां है। चंद्रगुप्त द्वितीय सर्वाधिक योग्य शौर्य से संपन्न शासक था। इसने उज्जैन को अपनी दूसरी राजधानी बनाया था। चीनी यात्री फाह्यान चंद्रगुप्त द्वितीय के काल में भारत आया था। चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में कालिदास या अमर सिंह जैसे विद्वान रहते थे। शकों को पराजित करने ...

Gupt administration गुप्त साम्राज्य भारत का स्वर्ण युग(part 1)

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  Gupt administration(गुप्त साम्राज्य)                         मौर्य साम्राज्य के विघटन के बाद, दो बड़ी राजनीतिक शक्तियां सामने आई उनमें सातवाहन और कुषाण अपना अति महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सात वाहनों ने दक्कन और दक्षिण में स्थायित्व लाने का काम किया। उन्होंने दोनों को रोमन साम्राज्य के साथ चले अपने व्यापार के बल पर राजनीतिक एकता और आर्थिक प्रगति प्रदान की। यही काम कुषाणो ने उत्तर में किया।इन दोनों साम्राज्य का ईशा की तीसरी सदी के मध्य में अंत हो गया।                        कुशाल साम्राज्य के खंडहर पर एक नए साम्राज्य का उदय हुआ, जिसने अपना अधिपत्य कुशाल और सातवाहन दोनों के पिछले राज्य क्षेत्रों के बहुत बड़े भाग पर स्थापित किया यह था गुप्त साम्राज्य। गुप्तों के विषय में अनेक विचारकों ने अलग-अलग माना जिसका विवरण इस प्रकार से है। गुप्त शुद्र थे - गुप्त वंश को विचारक इतिहास लेखक श्री केपी जायसवाल शुद्र मानते थे। "गुप्त लोग ब्राह्मण थे"- राय चौधरी "गुप्...