History basic thoughts भारतीय इतिहास से जुड़ी बुनियादी बातें

 History basic thoughts भारतीय इतिहास के बुनियादी तथ्य-भारतीय इतिहास एक विस्तृत पाठ्य स्रोत है, जिसका किताबों के माध्यम से अध्ययन करना वर्तमान समय में बहुत ही मुश्किल कार्य है, आज के इस रफ्तार भरे जीवन में हम सभी पाठ्य उपयोगी सामग्री को सरल रूप से प्राप्त करना चाहते हैं, इसी संदर्भ में हमने भारतीय इतिहास के समूचे ऐसे तथ्य जो प्रतियोगी परीक्षाएं, तथा अपने स्वयं के ज्ञान को बढ़ाने के लिए अति उपयोगी साबित होगी, इस लेख के माध्यम से हम भारतीय सभ्यता बहुत नजदीक से देख पाएंगे, इस सीरीज में हमारी पूर्ण कोशिश होगी की भारतीय इतिहास से जुड़ा कोई भी तथ्य आपसे छूट न पाए।                                                     सिंधु घाटी सभ्यता(Sindhu ghati sabhyata) अति महत्वपूर्ण तथ्य।                                                      1-सिंधु सभ्यता का का उदय भारत के पश्चिमोत्तर भाग में हुआ। इसका नाम हड़प्पा संस्कृति पड़ा क्योंकि इसका सर्वप्रथम ज्ञान पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब प्रांत में स्थित हड़प्पा से हुआ हुआ।                            2-सिंधु सभ्यता में प्राप्त परिपक्व अवस्था वाले स्थलों में केवल 6 को नगर की संज्ञा दी जाती है, जो निम्न है-हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, चन्हूदरो, लोथल, कालीबंगा तथा बनवाली।                                                         3-सिंधु सभ्यता का विस्तार उत्तर में जम्मू से लेकर दक्षिण में नर्मदा के मुहावरे तक और पश्चिम में बलूचिस्तान के मकराना समुद्र तट से लेकर उत्तर पूर्व में मेरठ तक था। यह संपूर्ण क्षेत्र एक त्रिभुज के आकार का है जिसका क्षेत्रफल 1,299,600 वर्ग किलोमीटर है।4-डॉ दयाराम साहनी द्वारा सन 1921 में सिंधु सभ्यता के अवशेषों की सबसे पहले हड़प्पाा में खोज की थी।   5-हड़प्पा सभ्यता में अनाज जमा करने के प्रमाण सिंधु सभ्यता के हड़प्पा से प्राप्त हुआ जिसमें अनाज रखने के दो समूह का पता चला।                                6- हड़प्पा से 891 मुहरे प्राप्त हुई है, यहीं से सर्वाधिक अभिलेख युक्त मुहरे प्राप्त हुई है।                                7-सिंधु सभ्यता की लिपि चित्र लिपि थी, जिसमें 600 से अधिक चित्र अक्षर तथा 60 मूल अक्षर है।              8-कालीबंगा (राजस्थान) का उत्खनन कार्य 1961 में श्री B.V.LAL तथा B.K.THAPER के द्वारा किया गया।                                                                      9-रंगपुर (गुजरात) का उत्खनन कार्य सन 1953 -54 मैं रंगनाथ राव के द्वारा हुआ, जिसमें कच्ची ईंटों के दुर्ग नालिया मिट्टी के बर्तन पत्थर आदि प्राप्त हुए।             10-बंदरगाह (Dockyard) का साक्ष्य सिंधु सभ्यता के लोथल से प्राप्त हुआ, जिससे पता चलता है कि सिंधु वाशी लोग पश्चिमी एशिया के साथ व्यापार करते थे।                                                                         11-सुर कोटा (गुजरात) नामक स्थान की खुदाई सन 1964 में की गई, यह खुदाई जगपति जोशी के नेतृत्व में संपन्न हुई।                                                           12-सिंधु घाटी की खुदाई में कुछ मूर्तियां प्राप्त हुई है, जिनके मध्य में सूर्य का गोल चित्र तथा चारों ओर 6 देव के चित्र इस प्रकार बने हैं, जो सूर्य पूजा के प्रचलन को दर्शाते हैं।                                                                13-लोथल के लोग 1800 ईसा पूर्व में चावल का प्रयोग करते थे।                                                                 14-सर्वप्रथम कपास पैदा करनेे का काम सिंधु वासियों ने किया, सिंधु सभ्यताा में कपास के बहुत अधिक प्रमाण प्राप्त होते हैं, इसी कारण से यूनानी यों ने सिंधुुु प्रदेश को सिंडोन नााम दिया।                                    15-Sindhu सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थान कालीबंगा से ईटों के प्रयोग के प्रमाण प्राप्त हुए हैं।        16-Sindhu  सिंधु घाटी सभ्यता में अनाज रखने के साक्ष्य मोहनजोदड़ो से प्राप्त हुए हैं।                        17-सिंधु घाटी सभ्यता में4:2:1 अनुपात वाली ईटों का प्रयोग किया जाता था।                                             18-सिंधु घाटी सभ्यता के महत्वपूर्ण स्थल कालीबंगा से जूते हुए खेत का प्रथम प्रमाण प्राप्त हुआ है।            19-हड़प्पा सभ्यता के स्थलों में कालीबंगा एवं लोथल से हवन कुंड के प्रमाण प्राप्त हुए हैं।                            20-हड़प्पा कालीन सभ्यता मुख्यतः पंजाब, राजस्थान, और गुजरात से केंद्रित थी।                         21-हड़प्पा काल की दो महत्वपूर्ण फसलें गेहूं और जौ थी ।                                                                       22-गुजरात प्रांत में सबसे अधिक हड़प्पा स्थलों की खोज हुई थी।                                                          23-पूर्ण विकसित परिपक्व हड़प्पा सभ्यता लगभग  5 शताब्दियों तक अस्तित्व में रही।                                 24-सिंधु घाटी सभ्यता केे लोग सबसे अधिक कासा धातुु का प्रयोग करते थे।                                           25-सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे छोटा केंद्र"अल्ला दिनोंह" था।                                                             26-सिंधु सभ्यता के स्थल और उनके खोजकर्ता इस प्रकार से है- 1-कोट दीजी-दयाराम साहनी 2-हड़प्पा-दयाराम साहनी 3-लोथल-एस. आर. दास 4-बनवाली-आर. एस. भिस्ट                                                       27-सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उसकी नगर प्रणाली थी।                                            28-सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि vastrofendan थी।                                                                         29-हड़प्पा सभ्यता की तिथि का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका मेसोपोटामिया की मोहरे हैं जो हड़प्पा में मिली थी।                                                 30-, हड़प्पा सभ्यता के सभी मकान पीछे की गली में खुलते थे सिर्फ लोथल के मकान आगे की तरफ खुलते थे।                                                                        30-हड़प्पा के अलावा एकमात्र जगह की तिथि जो नाली व्यवस्था के लिए मशहूर थी।                             31- chanhudaro एकमात्र हड़प्पा ई शहर जहां दुर्ग का कोई प्रमाण नहीं मिला है।                              32-कालीबंगा और लोथल में अग्नि वेदी के प्रमाण पाए गए हैं।                                                                   33-हड़प्पा सभ्यता के लोग जुताई के लिए लकड़ी से बने हल का प्रयोग करते थे।                                      34-हड़प्पा के कृषकों की बुवाई और कटाई का महीना नवंबर और अप्रैल होता था।                                      35-हड़प्पा वासी सिंचाई के लिए बाढ़ पर निर्भर करते थे।                                                                        36-हड़प्पा वासी दाल की फसल से अनभिज्ञ थे।         37-हड़प्पा निवासियों को लोहे की धातु का ज्ञान नहीं था।                                                                        38-हड़प्पा सभ्यता की सबसे कलात्मक कृति उनकी मोहरे थी।                                                                39-हड़प्पा सभ्यता की परिपक्व अवस्था 2200-2000 ईसा पूर्व माना गया है।                                                                 इस लेख के माध्यम से इतिहास कि महत्वपूर्ण  जानकारी प्रदान की गई है,जिसमें मुुुख्य: सिंधु घाटी सभ्यता को बतलााया गया है,इस लेख को पढ़कर  भारतीय इतिहास मे सिंधु घाटी सभ्यता खंड को बहुुत ही नजदीक से समझा जा सकता आप इस लेख को पढ़कर इसमें सुधार के क्षेत्रों को कमेंट में लिखकर जरूर बतलाए जिससे आने वाले खंड में और अधिक उपयोगी लेख निर्माण में मदद प्राप्त होगी।,,,,,

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